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महाराष्ट्र में हिन्दू सन्तों की सम्प्रदाय विशेष के द्वारा निर्मम हत्या:-मॉब लिंचिंग

19-04-2020

महाराष्ट्र में हिन्दू सन्तों की सम्प्रदाय विशेष के द्वारा निर्मम हत्या:-मॉब लिंचिंग

महाराष्ट्र के पालघर स्थित तलासरीअहमदाबाद हाईवे पर साधु-संतों की गाड़ी पर कुछ संदिग्ध लोगों ने भीषण हमला किया।उसमे २ संतोकी हत्या हो गई और उन्हें ले जा रहा ड्राइवर भी उसी हमले में मारा गया है.।इस मामले में पुलिस ने कुल 110 दोषियों पर अभियोग पंजीकृत कर केकार्यवाही की है.महाराष्ट्र के पालघर स्थित तलासरी मे अहमदाबाद नेशनल हाईवे से गुजरात की तरफ जा रहे सन्तों के वाहन को रोक कर उनपर जानलेवा हमला किया जिसमें २ संत और एक ड्राइवर की मौत हो चुकी है। वहीं कुछ लोग घायल भी हुए हैं। गुजरात के संत रामगिरी महाराज जी का सूरत मे उनके आश्रम में निधन हो गया था।जिनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सन्त समाज में शामिल श्रीसुशील गिरी व उनके ज्येष्ठ गुरु चिकना बाबा अपने ड्राइवर के साथ यात्रा पर जा रहे थे।अहमदाबाद हाइवे पालघर स्थित तलासरी कासा गांव में कुछ लोग गाड़ी को रुकवाकर उनपर हमला कर दिया।हमला धारदार हथियार से किया।होर हंगामे के पुलिस की उपस्थिति के बाद स्थानीय पुलिस थाना में संतों को बचाने के दृस्टि से रोक कर रखा फिर पुलिस अपनी सरकारी गाड़ी में बिठाया. लेकिन हमलावरों ने पुलिस से भी जबर्दस्ती करके संतो की बेरहमी से हत्या कर दी।लिंक से देखा जा सकता है कि पुलिस दोनों संतो को पुलिस चौकी के अंदर बैठा कर रखी थी।लेकिन पुलिस के द्वारा चौकी सन्तों को बाहर निकाल कर कंट्रोल रूम ले जाना ही आफत बनी।प्राणों की भीख मांगने के बाबजूद सम्प्रदाय विशेष के लोग भगवा वस्त्र पहने वृद्ध सन्तों को नही बख्सा।सन्त मरते रहें धर्मांध लोग मारते रहें।महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है कि कैसे हथियारबंद पुलिस फोर्स के हाथों उन सन्तों को छीनकर मौत के घाट उतार दिया गया।हमारा तो सवाल है महाराष्ट्र की सरकार से क्या ठाकरे के सन्तों व गौ के प्राण बचाने की संकल्पों को उनकी औलादें सरकार बन जाने के बाद अपने पिता के नीति व दृस्टि दोनों का त्याग कर बैठी है। शिवाजी के राज्य में अब सन्तों को जीना मुश्किल हैं।जब देश भर के और दुनिया भर में कोरोना से लोग अपनी व अपनी समाज की जान बचाने में घरों में बंद हैं।वहीं दूसरी ओर हिन्दुस्तान को बर्बाद करने इसे संकट में डालने बाले लोग व जमात भी अपनी प्रयास तीव्र कर चुका है।जिसे हिंदुस्तान अब देख भी रहा है महशुस भी कर रहा है।हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रान्तों के प्रताड़ित साधू , संत और हिन्दू समाज के लोग महाराष्ट्र के गौरवशाली योद्धाओं से कभी सुरक्षा पाते थे जिनकी शक्ति से उनकी भुजाओं और शस्त्रों के बदौलत हिन्दू संस्कृति अपने मूल रूप में बची हुई है।हालांकि महाराष्ट्र पुलिस 100 से ऊपर लोगों के ऊपर मामलादर्ज कर लीया है। उधर 2 दिन बाद इन साधु संतों का शव आजत्रंबकेश्वर अखाड़े के संतों को सौंपा गया है . आज दिवंगत उन दोनों संतो के ऊपरत्रंबकेश्वर में समाधि दी गई। आखिर सेकुलरिज्म के नाम पर अथवा किसी संप्रदाय विशेष से संबंधित विषयों के ऊपर हिंदुस्तान कि मीडिया दोहरा रवैया क्यों अपनाती है। हमें हर भारतीय लोगों की जान की परवाह करते हैं परंतु इसी जहां पर खास संप्रदाय के दो लोग कि अगर मॉब लिंचिंग हुई होती आज न्यूज चैनल पर एंकर विधवा विलाप करती नजर आती।चुकी हत्या हिन्दू सन्तों की हुई है इसलिए कोई चर्चा नहीं।



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