|| सर्व विजयी हिन्दू पुत्र राष्ट्रधर्म आराधना ||

12-08-2020

पैगंबर के नाम से आज फिर जला भारत कमलेश तिवारी की हत्या के बाद भी नहीं बदला दस्तूर

पैगंबर की आलोचना से बार-बार जल रहा है भारत। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिन-रात सनातन देवी देवताओं की आलोचना खेलने वाला यह भारत और सनातनी हैरत में है हमारे साथ हो क्या रहा है। बेंगलुरु का एक दलित हिंदू कांग्रेसी विधायक के द्वारा पैगंबर मुहम्मद से संबंधित कुछ टिप्पणी फेसबुक पर कर देने मात्र से पहले उसके घर को आग के हवाले किया गया उसके बाद पुलिस दफ्तर को जलाकर राख कर दिया गया। लगभग 60000 की संख्या में पूरे शहर को शमशान बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। अब्दुल के आगे अब्दुल अब्दुल के पीछे अब्दुल अब्दुल ही अब्दुल नजर आ रहा था। अब्दुल आग लगा दिया और अब्दुल भाग गया जी हां इस्लाम का गंदा और अंधा तस्वीर बेंगलुरु की धरती पर देखने को मिली है। पूर्वी बेंगलुरु में पुल्केशी नगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार नवीन पर आरोप लगा कि उसने पैगम्बर मुहम्मद को लेकर फेसबुक पोस्ट डाला है और इसके बाद हज़ारों मुसलमानों की भीड़ ने दंगे व आगजनी की। पहले मुस्लिम भीड़ में दंगाइयों की संख्या 100 बताई जा रही थी लेकिन ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से दावा किया है कि वहाँ 50-60 हजार दंगाई रुके हुए थे। विधायक के आवास और केजी हल्ली पुलिस थाने की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया। मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की रात भड़की इस हिंसा में मुस्लिम भीड़ ने न सिर्फ विधायक बल्कि थाने की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया और शरीफ नाम का प्रत्यक्षदर्शी वहीं पर मौजूद था। उसने पुलिस में भी अपना बयान दर्ज कराया है। वो सिविल डिफेंस का सदस्य है, जो पुलिसकर्मियों को दंगाइयों से बचाने की कोशिश कर रहा था। उसने स्पष्ट कहा है कि इस पूरे काण्ड में पुलिस की कोई गलती नहीं है बल्कि हिंसा कर रहे दंगाइयों ने सब कुछ किया। उसने कहा कि ये पुलिस थाना उसके लिए मंदिर-मस्जिद की तरह है और वो पुलिस का सहयोग करना चाहता है। अब तक इस मामले में 165 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों पुलिस थानों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही पूरे बेंगलुरु में धारा-144 लागू कर दिया गया है। उधर ‘न्यूज़ 18’ की एक खबर के अनुसार, पूरा पुल्केशी नगर विधानसभा क्षेत्र किसी युद्धस्थल की तरह दिख रहा है, जहाँ चीजें अस्त-व्यस्त पड़ी हुई हैं। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, उसके मलबे पड़े हुए हैं। घरों की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं और दरवाजे क्षतिग्रस्त हैं। सूनी पड़ी सड़कों पर ईंट और पत्थर पड़े हुए हैं। पुलिस की फायरिंग में 3 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। आपको बता दें कि इस्लाम न कांग्रेस जानती है ना भाजपा ना बेंगलुरु जानती है ना काश्मीर ना बिहार और ना बंगाल केवल हरे झंडे से प्रेम है उनको और इस्लाम के लिए मरने और मारने पर उतारू रहते हैं वह लोग। हमने गंगा जमुनी की बहुत सारी कहानियां सुनी है आए दिन मस्जिदों में हिंदुओं के विरुद्ध लड़ाई में उपयोग होने वाली हथियारों का जखीरा भी हमने देखा है। वहीं हमने मंदिरों में दावती इफ्तार देते हुए संतो को भी देखा है। आपको बता दें कि हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी जी की हत्या पिछले वर्ष पैगंबर मोहम्मद से संबंधित बयान के कारण ही कर दी गई थी केरल और कश्मीर के अंदर हजारों ऐसी घटनाएं हैं जहां पर इस्लाम के विरुद्ध आपत्ति होने पर गैर मुसलमानों की हत्या की गई है सोचना है हिंदुस्तान को कैसे और कब तक इस व्यवस्था में जिंदा रहेगा हिंदू।



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