|| सर्व विजयी हिन्दू पुत्र राष्ट्रधर्म आराधना ||

25-07-2020

वर्ष में मात्र एक दिन चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते है श्री नागचंद्रेश्वर महादेव के पट-श्री महाकालेश्वर मन्दिर

जय श्री महाकाल नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर महादेव के प्रथम दर्शन के साथ वर्ष में एक बार खुलें भगवान नागचन्‍द्रेश्‍वर के पट ।श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्रीनागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर के पट साल में एक बार चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते है। हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर में ११ वीं शताब्‍दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्‍थापित है, प्रतिमा में फन फैलाए नाग देवता के आसन पर भगवान शिव -पार्वती बैठे हैं। बताया जाता है कि, पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्‍णु भगवान की जगह भगवान श्री भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजित है। साथ में दोनों के वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्‍जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। 24 जुलाई शुक्रवार की रात्रि १२ बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद विशेष पूजा -अर्चना होगी। श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा।श्री नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की त्रिकाल पूजा हुई शुक्रवार 24 जुलाई की रात्रि १२ बजे पट खुलने के पश्‍चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी जी एवं कलेक्‍टर एवं अध्‍यक्ष महोदय श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया‍ , पूजन में सर्व प्रथम गणेश पूजन, क्रमबद्ध सभी विग्रहों का पूजन होकर फिर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर का पूजन किया। रविवार 25 जुलाई को अपरान्‍ह: १२ बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 25 जुलाई शनिवार को ही श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सायं आरती के पश्‍चात श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी की पूजन आरती मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की गई, मंदिर के पट शनिवार रात्रि 12 बजे बंद होंगे।इस प्रकार होगी दर्शन व्‍यवस्‍था वर्तमान परिस्थिति व कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा, शासकीय अनुदेशों के अनुपालन, भौतिक दूरी बनाये रखने व अन्‍य एस.ओ.पी. को दृष्टिगत रखते हुए सामान्‍यजन अपने घरों से ही विभिन्‍न प्रसार मध्‍यमों लोकल केबल, फेसबुक पेज, मंदिर की वेबसाईट, ट्विटर व विभिन्‍न चेनल आदि द्वारा श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी के दर्शन का लाभ ले सकेंगे। इससे देश –विदेश के लाखों श्रद्धालु दर्शन का पुण्‍य लाभ ले सकेंगे



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